जिन आतंकियों के केस अखिलेश वापिस लेना चाहते थे, उन्हें योगी राज़ में कोर्ट ने सुनाई फांसी की सज़ा

0
rampur-terrorist-attack-on-crpf-camp-punishment-of-hanged-till-death-1
Pic Credit - Google Images
rampur-terrorist-attack-on-crpf-camp-punishment-of-hanged-till-death-2
Pic Credit – Google Images

आज से लगभग 12 साल पहले सीआरपीएफ के ग्रुप सेंटर पर एक आतंकी हमला हुआ था. उस हमले में पकडे गए 8 आरोपियों में से 6 को कोर्ट ने सज़ा सुना दी है. इन 6 आरोपियों में से 4 आरोपियों को फांसी की सज़ा मिली है ओर बाकी के दो आरोपियों को कैद की सज़ा मिली है.

इमरान शहजाद, फारूख, सबाउददीन व शरीफ को फांसी की सज़ा जंग बहादुर को उम्र कैद ओर फहीम को 10 साल की सज़ा सुनाई गयी है. आपको बता दें की 2 आरोपियों के खिलाफ जांच एजेन्सिया सबूत इकठ्ठा करने में नाकाम रही थी जिस वजह से कोर्ट ने उन्हें दोष मुक्त कर दिया.

दिल्ली-लखनऊ मार्ग स्थित सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर पर 31 दिसंबर 2007 की रात ढाई बजे गेट नंबर 1 से आतंकियों ने हमला कर दिया था. गेट पर मजूद जवानों पर ग्रेनेड फेंकते हुए एक-47 की गोलियों की बौछार करते हुए आतंकी सीआरपीएफ केंद्र के परिसर के भीतर जाने में कामयाब रहे थे.

इस पुरे हमले में 7 जवान और 1 नागरिक जो की रिक्शा पर ही सो रहा था वह सब शहीद हो गए. इसके बाद जांच एजेंसियों ने पाक अधिकृत कश्मीर के रहने वाले इमरान शहजाद, पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में रहने वाले मुहम्मद फारुख, बिहार में रहने वाले सबाउद्दीन उर्फ सहाबुद्दीन, मुंबई गोरे गांव में रहने वाले फहीम अंसारी, उत्तर प्रदेश के जिला प्रतापगढ़ में रहने वाले मुहम्मद कौसर, जिला बरेली के थाना बहेड़ी के पास रहने वाले गुलाब खांं, मुरादाबाद के ग्राम मिलक कामरू में रहने वाले जंग बहादुर बाबा और रामपुर में रहने वाले मुहम्मद शरीफ को गिरफ्तार करके लखनऊ जेल में भेज दिया गया.

rampur-terrorist-attack-on-crpf-camp-punishment-of-hanged-till-death-3
Pic Credit – Google Images

आपको बता दें की इन्ही आतंकियों पर से अखिलेश सरकार ने 2012 में प्रशासन से केस वापिस लेने की अपील की थी. प्रशासन ने जवाब में कहा था की मामला कोर्ट में लंबित है ऐसे में केस वापिस लेने की प्रक्रिया भी लम्बी होगी. अब जब आरोप साबित हो गया है तो अखिलेश सरकार भी इस बात की सफाई देनी चाहिए उन्होंने 7 जवानों और 1 नागरिक को शहीद करने वाले आतंकियों के केस किस आधार पर वापिस लेना चाहती थी?

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here