
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से एक बड़ा मामला सामने आया हैं. इस मामले में दो अनैतिक कार्य करने वाली महिलाओं ने सरकार से मुआवज़ा बटौरने के लिए अपने गैंगरेप होने की एफआईआर दर्ज़ करवा दी. जब पुलिस ने छानबीन की तो पता चला यह दोनों महिलाएं पहले अनैतिक काम करके पैसे कमाती थी, अब पुलिस की सख्ती की वजह से इनका धंदा बंद हो चूका है, इसलिए इन्होने सरकार से मुआवज़ा लेने के बहाने अपने गैंगरेप की रिपोर्ट लिखवाई थी.
मामले की बात करें तो सबसे पहले थाना कवि नगर क्षेत्र में एक महिला फटे हुए कपड़ों में डासना टोल पर मिली थी. उसके बाद इस महिला को संजय नगर जिला संयुक्त चिकित्सालय में भर्ती करवाया गया था. महिला का नाम शहजादी उर्फ मुस्कान बताया जा रहा है जिसके निरिक्षण के लिए उपनिरीक्षक मनीष कुमार फोर्स के हॉस्पिटल पहुंचे थे.
पुलिस को जानकारी देते हुए महिला ने खुद को शादीशुदा बताया और अपने पति का नाम मेहताब बताया और खुद को होली क्रॉस स्कूल के पास मसूरी थाना क्षेत्र के निवासी बताया. महिला ने अपने ब्यान में बताया की वह काम के लिए सुबह ड्यूटी पर हापुड़ गयी हुई थी. जिसके बाद वापिस आने के लिए छोटा हाथी वाहन का सहारा लिया लेकिन रास्ते में वाहन चालक और उसके साथियों ने उसके साथ गैंगरेप किया.
पहले तो पुलिस ने सख्ती से कार्यवाही करते हुए, जांच के आदेश दिए लेकिन हॉस्पिटल में महिला ने अपने बलात्कार को लेकर मेडिकल जांच करवाने से साफ़ मना कर दिया. एसएसपी सुधीर कुमार सिंह ने जांच को आगे बढ़ाया और प्रभारी निरीक्षक नरेश कुमार सिंह और उनकी टीम ने सीओ सदर आशु जैन के निर्देशन में जब पूछताछ हुई तो महिला के ब्यान हर बार बदल जाने लगे.
इस दौरान पुलिस को ऐसी महिला पर शक हुआ जो हॉस्पिटल में बार-बार पीड़िता के कमरे के बाहर चक्कर लगा रही थी. पुलिस ने जब उससे सख्ती से पूछताछ की तो उस महिला ने डर से ही सारी सचाई बता दी. उस महिला ने अपना नाम रेशमा बताया और कहा की हम दोनों मसूरी में होली क्रास अस्पताल के पास एक ही मकान रहते हैं.
हम दोनों के पति हम लोगों को छोड़ कर जा चुके हैं, इसलिए अब हमने देह व्यापार का काम शुरू किया. लेकिन उत्तर प्रदेश में जब से योगी सरकार आई है, राज्य में देह व्यापार करना बहुत मुश्किल हो गया हैं. ऐसे में हम दोनों गैंगरेप के जरिए सरकार से मुआवजा लेने का पूरा प्लान बनाया था.

रेशमा ने बताया की हमने इस प्लान के अनुसार बाबूगढ़ से एक दूध के छोटा हाथी वाहन में लिफ्ट ली थी. उसके बाद शहजादी अपने कपड़े फाड़कर फ्लाईओवर के पास बेहोशी बहाना बना लिया. उसके बाद हमने किसी व्यक्ति के नंबर से 112 पर कॉल किया और पुलिस को बुला लिया. रेशमा के ब्यान के आधार पर जब शहजादी से पूछताछ हुई तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया.
फिलहाल पुलिस ने दोनों महिलाओं को जूठा केस दर्ज़ करने, देह व्यापार करने और पुलिस को गुमराह करने के जुर्म में जेल में डाल दिया हैं. लेकिन एक सवाल यह भी उठता हैं की अगर पुलिस रेशमा से न पूछताछ करके सीधा उस छोटे हाथी वाले को पकड़ लेती तो क्या होता? कानून महिलाओं की सुरक्षा के लिए होता हैं, लेकिन अगर उस कानून के आधार पर लोग सरकार का फायदा उठाने लगे तो? क्या होगा, अगली बार किसी महिला को लिफ्ट देने से पहले सोच लें कहीं अगला शिकार आप ही न हो जाएं.