
अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर एआईएमआईएम नेता और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी घोर आपत्ति जताई थी. इस पर बाद में विवाद भी हुआ और अब वो विवाद कानूनी कार्यवाही का रूप ले चूका है.
असदुद्दीन ओवैसी का सबसे पहला ब्यान था की, “हमारा संविधान में पूरा विश्वास है, हम अपने कानूनी हक के लिए लड़ रहे थे हमें पांच एकड़ का दान नहीं चाहिए.” इसके बाद उन्होंने आगे कहा था की, “मैं कोर्ट के फैसले से संतुष्ट नहीं हूं. सुप्रीम कोर्ट वैसे तो सबसे ऊपर है, लेकिन अपरिहार्य नहीं है.”
मीडिया से अपनी बात करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था की, “हम अपने अधिकार के लिए लड़ रहे हैं, हमें खैरात के रूप में पांच एकड़ जमीन नहीं चाहिए. हमें इस पांच एकड़ जमीन के प्रस्ताव को खारिज कर देना चाहिए. हम पर कृपा करने की जरूरत नहीं है. अगर मस्जिद वहां पर रहती तो सुप्रीम कोर्ट क्या फैसला लेता. यह कानून के खिलाफ है. बाबरी मस्जिद नहीं गिरती तो फैसला क्या आता? जिन्होंने बाबरी मस्जिद को गिराया, उन्हें ट्रस्ट बनाकर राम मंदिर बनाने का काम दिया गया है.”
इन ब्यानों के बाद असदुद्दीन ओवैसी का जमकर विरोध हुआ और सोशल मीडिया पर लोगों ने ओवैसी की गिरफ्तारी की मांग उठाना शुरू किया. इन सबके बीच सोमवार को मध्यप्रदेश के भोपाल शहर के जहांगीराबाद पुलिस स्टेशन में असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने और सुप्रीम कोर्ट के फैसले को न मानने के चलते एक एफआईआर दर्ज़ की गयी.
अब देखना यह होगा की सोशल मीडिया पर ख़ुशी की पोस्ट और अयोध्या फैसले पर पटाखे फोड़ने वालों को पकड़ने वाली पुलिस भड़काऊ बयानबाज़ी करने वाले असदुद्दीन ओवैसी को पकड़ पाती है नहीं.