
तीन बेटों की माँ राजेश्वरी देवी जिसने अपने बच्चों की परवरिश के लिए सिलाई का काम करना शुरू किया. सबसे बड़े बेटे सुभाष कुमावत ने भी अपने दोनों भाइयों की अच्छी पढ़ाई-लिखाई के लिए माँ के साथ हाथ बंटाना शुरू किया.
बीच वाला भाई पंकज कुमावत पहले दिल्ली आया वहां बीटेक किया और एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करने लगा, फिर उसने अपने सबसे छोटे भाई अमित कुमावत को भी अपने पास बुलाया उसे बीटेक करवाया.
क्योंकि इनके परिवार में आज तक किसी ने सरकारी नौकरी नहीं की थी इसलिए उन्होंने यूपीएससी परीक्षा पास करने करने का मन बनाया. देश की सबसे मुश्किल परीक्षा पास करके अपनी माँ और सबसे बड़े भाई के परिश्रम का परिणाम देने के लिए दोनों ने 2018 में यूपीएससी की परीक्षा दी.
2018 यूपीएससी का जब रिजल्ट आया तो दोनों भाइयों को विशवास नहीं हुआ क्योंकि दोनों भाई ही परीक्षा पास करने में कामयाब रहे थे. पंकज कुमावत ने जहां 443वीं और वहीं अमित कुमावत ने 600वीं रैंक हासिल की.
पंकज ने मीडिया से बात चीत करने के बाद बताया की मेरे पिता जी, बड़ा भाई और माता जी ने हम दोनों भाइयों के लिए बहुत कुछ किया है. वो हमें किसी भी चीज की कमी नहीं होने देते थे. वो बस एक बात कहते थे की अपना ध्यान सिर्फ पढ़ाई पर लगाओ, घर की चिंता न करों.

जीवन में बहुत सारी ऐसी घटनाएं भी हुई जिससे परिवार में आर्थिक तंगी हो जाती थी लेकिन इसके बावजूद भाई, पिता जी और माँ सब मिलकर रात को भी देर तक जागकर सिलाई का काम करते थे. यह बातें बोलने में जितनी आसान लग रहीं हैं उतनी है नहीं, बीटेक क्लियर होने के बाद प्राइवेट नौकरी करते वक़्त परिवार की तरफ से हमें कोई दबाव नहीं था, यूपीएससी की परीक्षा क्लियर करने को लेकर, यह तो बस हम दोनों भाइयों ने अपने माँ बाप और बड़े भाई का नाम रोशन करने के लिए किया है.