भारत की सबसे बड़ी वाहन निर्माता कंपनी मारुती और कोरियन वाहन निर्माता कंपनी हुंडई दोनों की गाड़िया क्रैश टेस्ट में फेल हो गयी है. गौरतलब है की दोनों ही कार कंपनियां बजट कार बनाने के लिए जानी जाती है. मध्यम वर्गीय लोग इन्ही दो कंपनियों की कार लेना पसंद करते है.
ग्लोबल संस्था न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम में इन दोनों कंपनियों की कारों की मजबूती को लेकर एक टेस्ट रखा गया. इस टेस्ट में मारुती की वेगन आर और हुंडई की सैंट्रो कार के एक मॉडल को टेस्ट किया गया. लेकिन दोनों ही कंपनियों की कारें टेस्ट में 2 स्टार लेने के साथ ही फेल हो गयी.
4.41 लाख रूपए की कीमत से शुरू होने वाली वैगन आर देश में सबसे ज्यादा बिकनी वाली कारों में से एक हैं. ऐसे में भारतियों की सुरक्षा के साथ कितना बड़ा खिलवाड़ हो रहा है इससे आप समझ ही गए होंगे.
न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम ने अपनी रिपोर्ट में कहा की यह कार ड्राइवर के लिए तो ठीक है लेकिन ड्राइवर के साथ बैठे व्यक्ति और पीछे बैठे व्यक्तियों के लिए सही नहीं है. यह कार पूरी तरह से असंतुलित है.
न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम ने हुंडई सैंट्रो के लिए कहा की यह कार गले और सर को तो अच्छे से सुरक्षा प्रदान करती है लेकिन सीने की सुरक्षा के लिए इस कार में ज्यादा कुछ नहीं है. इस कार का स्ट्रक्चर और फूटवेल भी असंतुलित है.
अब क्योंकि भारतीय कानून के आधार पर केवल ड्राइवर साइड में एयर बैग की सुविधा अनिवार्य है इसलिए लगभग सभी बजट कार बनाने वाली कंपनियां सिर्फ एक एयरबैग ही प्रदान करती है. इस पर सुप्रीम कोर्ट के पैनल ने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को भी निर्देश जारी किया है की गाडी में ड्राइवर के साथ वाली सीट पर भी एयरबैग को अनिवार्य किया जाए.
इन सबके इलावा आपको जानकार हैरानी होगी की टाटा की नेक्सॉन को न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम ने इस सेगमेंट की सबसे सुरक्षित कार माना है. न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम ने टाटा नेक्सॉन को 5 स्टार रेटिंग दी है और आपको बता दें की टाटा नेक्सॉन की कीमत 6 लाख 58 हजार से शुरू होती है.