
महाराष्ट्र एक ऐसा राज्य जिसमे बीजेपी ने चुनावों में सबसे ज्यादा सीट्स हासिल की. उसके सहयोगी दल शिवसेना ने भी बीजेपी के मुकाबले 2/3 कम सीट्स हासिल की थी. लेकिन सरकार बनाने से ठीक पहले शिवसेना ने 50-50 के फार्मूले के तहत अपनी शर्त रख दी.
महाराष्ट्र में बीजेपी 2024 के चुनावों से पहले देश के सबसे बड़े और एडवांस तीन प्रोजेक्ट्स को पूरा करना चाहती है, बुलेट ट्रेन, हाइपरलूप ट्रेन और साथ ही सरदार पटेल जी से ऊँची छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति.
अगर बीजेपी पांच साल मुख्यमंत्री की कुर्सी पर न बैठकर ढाई साल बैठती है तो दूसरी पार्टियों द्वारा इन तीन प्रोजेक्ट की फंडिंग को ढाई साल के लिए रोका जा सकता था. ऐसे में यह प्रोजेक्ट्स किसी भी हाल में 2024 से पहले पुरे न होते.
बीजेपी और अमित शाह को इन प्रोजेक्ट्स की 2024 के चुनावों के लिए अहमियत पता थी और दूसरी पार्टियों को भी पता थी जो नहीं चाहते थे की बीजेपी दुबारा सत्ता में आये (कांग्रेस) और प्रचंड बहुमत से सत्ता में न आये (शिवसेना).
इसी बीच कई दावे हुए कभी शिवसेना के मंत्री ब्यान देते, कभी कांग्रेस के मंत्री ब्यान देते, कभी एनसीपी के मंत्री सरकार बनाने का दावा ठोकते. लेकिन राज्यसभा में मोदी द्वारा एनसीपी की तारीफ और वो एक कप चाय पर मुलाकात में ही एनसीपी और बीजेपी के गठबंधन के तार जुड़ गए थे.
बताया जा रहा है की अमित शाह के इस पूरा प्लान की जानकारी एनसीपी की आलाकमान और बीजेपी के बस कुछ नेताओं को ही थी. 22 नवंबर को चाणक्य बनने का दावा करने वाले संजय राउत और प्रशांत किशोर को अमित शाह ने फिर एक बार राजनीती में पटकनी देते हुए 23 नवंबर की सुबह 5 बजकर 50 मिनट पर महाराष्ट्र में सरकार बनवा डाली.

यह पटकनी ऐसी थी की आज की अखबारों में एक तरफ छपा है की शिवसेना के उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. वहीं डिजिटल मीडिया ख़बरें है की बीजेपी और एनसीपी के गठबंधन के साथ ही महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके हैं.