
राहुल गाँधी के सबसे अच्छे दोस्तों में से एक माने जाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया जब से कांग्रेस को अलविदा कहा है, कांग्रेस पार्टी के नेता तो मानों जैसे शब्दों की मर्यादा ही भूल गए हों. कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया पर जमकर आरोप लगा रहें हैं.
दूसरी और ज्योतिरादित्य सिंधिया के परिवार के लोग उनके इस फैसले का सम्मान कर रहें हैं. उनकी बुआ और बेटे ने उनके इस फैसले पर ख़ुशी व्यक्त की हैं. बुआ यशोधरा सिंधिया का कहना हैं की, “मैं बहुत खुश हूं और उन्हें बधाई देती हूं. यह ‘घर वापसी’ है. माधवराव सिंधिया ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत जनसंघ से की थी. कांग्रेस में ज्योतिरादित्य की उपेक्षा की जा रही थी.”
ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे महाआर्यमान ने भी ट्वीटर पर लिखा है की, “मुझे अपने पिता पर गर्व है कि उन्होंने अपने लिए स्टैंड लिया. एक विरासत छोड़ने के लिए हिम्मत की जरूरत होती है. इतिहास खुद बताता है कि मेरा परिवार कभी सत्ता का भूखा नहीं रहा. वादे के मुताबिक हम भारत और मध्यप्रदेश में प्रभावी बदलाव लाएंगे.”
आपको बता दें की ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ-साथ कुल 22 विधायकों ने कांग्रेस से अस्तीफा दे दिया हैं. पहले मुख्यमंत्री फिर प्रदेश अध्यक्ष और अब राज्य सभा की सीट को लेकर ज्योतिरादित्य सिंधिया और कांग्रेस के बीच अनबन चल रही थी.
कांग्रेस के विधायकों के के लिए राहुल गांधी का कर्ज़ा माफ़ी वाला ब्यान गले की हड्डी बनकर साबित हुआ था. जिसको लेकर कई विधायक सार्वजानिक मंचों पर किसानों से माफ़ी मांगते हुए नज़र आते थे, वहीँ दूसरी और कांग्रेस दावा करती रही की हमने सबके कर्ज़े माफ़ कर दिए हैं.
I am proud of my father for taking a stand for himself. It takes courage to to resign from a legacy. History can speak for itself when I say my family has never been power hungry. As promised we will make an impactful change in India and Madhya Pradesh wherever our future lies.
— M. Scindia (@AScindia) March 10, 2020
ज्योतिरादित्य सिंधिया के पार्टी छोड़ने की वजह को लेकर भले ही बीजेपी और कांग्रेस के अलग-अलग ब्यान आ रहें हैं, लेकिन उन बयानों के बावजूद यह साफ़ हैं की, ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस फैसले से बीजेपी की सरकार बनना मध्यप्रदेश में तय हैं.