
चंद्रयान के बाद इसरो फिर एक बार कमाल दिखाने की फिराख में हैं. बताया जा रहा है की 27 नवंबर 2019 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा लॉन्च पैड से इसरो 14 सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में भेजने वाला है. धरती से अंतरिक्ष तक का सफर और फिर सैटेलाइट्स की स्थापना मात्र 27 मिनट में कर ली जाएगी.
27 नवंबर की सुबह 9.28 बजे पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (पीएसएलवी) रॉकेट से 1 उपग्रह भारत का कार्टोसैट – 3 होगा और 13 अमेरिका के नैनो उपग्रह लांच किये जायेंगे. इसके लिए अमेरिका इसरो की नई शाखा ‘न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड’ को भारी भरकम रकम भी अदा करेगा.
भारत अपने कार्टोसैट – 3 के जरिए शहरी नियोजन, ग्रामीण संसाधन और बुनियादी ढांचे के विकास, तटीय भूमि उपयोग और अन्य की मांगों के लिए हाई क्वालिटी स्पेस इमेज हासिल कर सकेगा. इसके साथ ही अमेरिका के कुल 13 सैटेलाइट भी होंगे जिसमे से एक सैटेलाइट ‘कम्युनिकेशन टेस्ट बेड सैटेलाइट’ जिसका नाम ‘मेशबेड’ बताया जा रहा है.
बाकी के 12 नैनो सैटेलाइट्स का नाम ‘फ्लॉक – 4 पी’ है यह सैटेलाइट ‘अर्थ ऑब्जवेर्शन सैटेलाइट’ बताया जा रहें हैं. इसरो के वैज्ञानिको का दावा है की राकेट के टेक ऑफ के 17 मिनट बाद पहला सैटेलाइट स्थापित किया जायेगा और आखिरी सैटेलाइट राकेट के टेक ऑफ के लगभग 26 मिनट और 50 सेकेंड बाद होगा.

इसरो के वैज्ञानिकों का दावा है की भारत का काटोर्सैट – 3 उपग्रह कक्षा में स्थापित होने के बाद कम से कम पांच साल तक अपना काम करता रहेगा. इसी के साथ देश और दुनिया की नज़रे एक बार फिर से 27 नवंबर को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा लॉन्च पैड पर होंगी.
Itek