कल से शुरू हो रहा है, महापर्व “छठ पूजा” जानें इस पर्व से जुड़ी विधि विधान और शुभ मुहूर्त

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31 अक्टूबर 2019 को छठ महापर्व आरम्भ होने जा रही है. महापर्व कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से शुरू होकर सप्तमी तिथि तक चलने वाला त्यौहार है. इस पर्व को लोग अभूत ही आस्था और श्रद्धा के साथ मनाते है.

छठी महापर्व में घर में जिसने भी व्रत रखा होता है वह दिन की शुरुआत में सबसे पहले नहाता है और नए वस्त्र पहनता है. उसके बाद सबसे पहले भोजन भी व्रत रखने वाला इंसान ही करता है, इसके बाद घर के बाकी सदस्य भोजन करते है इसीलिए इस पर्व की शुरुआत नहाय-खाय से होती है.

नहाय की विद्धि: व्रत रखने वाले इंसान को सबसे पहले अपने पुरे घर की साफ़ सफाई करनी चाहिए, उसे इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए की घर में किसी प्रकार का कचरा मजूद न रहे. उसके बाद व्रत रखने वाले इंसान को घर के पास किसी साफ़ नदी, तालाब, या दोनों के ना होने पर घर में ही शुद्ध जल से स्नान कर लेना चाहिए. लेकिन अगर आप घर में स्नान करने वाले है तो घर में थोड़ा गंगाजल ले आएं, नहाने से पहले उस गंगाजल को पानी की बाल्टी में डाल दें. स्नान के बाद व्रत रखने वाले इंसान को साफ़-सुधरे नए कपडे पहनने चाहिए.

खाय की विद्धि: छठ पर्व में हिस्सा लेने वाले महिला या पुरुष को चने की दाल या फिर लोकि की सब्ज़ी अपनी इच्छा अनुसार लेकिन शुद्ध देसी घी में बनाना चाहिए. इसके इलावा सब्ज़ी अथवा दाल में केवल शुद्ध सेंधा नमक का ही इस्तेमाल करना चाहिए. जिसके बाद घर मजूद बाकी सदस्यों को इसी सब्ज़ी अथवा दाल से भोजन करना चाहिए.

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ध्यान रहे छठ पर्व के दौरान परिवार में कोई भी व्यक्ति मांस अथवा शराब का सेवन न करें. व्रत रखने वाला इंसान फर्श पर ही सोता है, इसलिए कहा जाता है की इस पर्व के दौरान घर में साफ़ सफाई होनी चाहिए.

इस पर्व को लेकर एक मान्यता है की विवाह से पहले पांडवों की मान कुंती देवी ने भगवान् सूर्य की आराधना की थी. यही कारण था की उनकी पहली संतान कर्ण जैसा पुत्र था जो की दानवीर जाने के साथ-साथ एक योद्धा भी था. यह पर्व भगवान् सूर्य की आराधना के लिए ही किया जाता है और इस बार यह पर्व 2 नवंबर 2019 को मनाया जाएगा.

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