काशी विश्वनाथ के दर्शन के लिए, अब आपको पारंपरिक वस्त्र पहनाना होगा, नया नियम लागू

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आपको शायद याद होगा की कुछ समय पहले धार्मिक स्थानों के आस पास शराब और मांस की बिक्री पर अनुमति दे दी थी. हालाँकि बाद में हिंदूवादी समर्थकों के दबाव के आगे कांग्रेस सरकार को यह फैसला वापिस लेना पड़ा था. आपको बता दें की भारत में धार्मिक स्थानों का इस्तेमाल पर्यटक को बढ़ावा देने के लिए नहीं होता था.

समय के साथ चीजे बदली और आज लोग भगवान् के दर्शन कम करने जाते है और घूमने के लिए ज्यादा जाते हैं. लेकिन उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने इस मांग को भी पूरा कर दिया हैं, वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में अब दक्षिण भारतीय मंदिरों की तर्ज़ पर स्पर्श दर्शन के लिए ड्रेस कोड लागू कर दिया हैं.

बताया जा रहा है की पुरुषों के लिए ड्रेस कोड पारंपरिक परिधान यानी धोती और अंगवस्त्र होगा वहीं महिला केवल साड़ी पहनकर ही गर्भ गृह में स्पर्श दर्शन कर सकेंगी. अगर कोई व्यक्ति इस नियम का पालन नहीं चाहता तो वह मकर संक्राति के बाद मंदिर में सिर्फ़ दर्शन की व्यवस्था का ही आनंद ले पायेगा.

बताया जा रहा है की यह फैसला राज्य के धर्मार्थ कार्य राज्य मंत्री नीलकंठ तिवारी, मंदिर प्रशासन और काशी विद्वत परिषद की एक बैठक में लिया गया हैं. फिलहाल इस ड्रेस कोड को लेकर राजनीती शुरू नहीं की गयी है, लेकिन देश के माजूदा हालात को देखते हुए यह साफ़ है की इसपर राजनीती जरूर होगी.

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ऐसे में यह भी कोई बड़ी बात नहीं होगी की इस फैसले के खिलाफ, कांग्रेस और उसके नेता सुप्रीम कोर्ट में केस दायर कर दें. वैसे तो ऐसे नियम दक्षिण भारत के मंदिरों में आम हैं और मुसलमानों के धार्मिक स्थल काबा में ड्रेस कोड लागु हैं, लेकिन क्योंकि यह मामला बीजेपी राज्य से जुड़ा है तो इसपर राजनीती होना भी सव्भाविक हैं.

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