एक मुस्लिम पत्रकार ने कहा, कब्र से वातावरण अशुद्ध हो रहा है, विद्युत मशीन में जलाओ, भड़क गए मौलाना

0
a-muslim-journalist-said-the-atmosphere-is-being-defiled-by-the-grave-3
Pic Credit - Google Images
a-muslim-journalist-said-the-atmosphere-is-being-defiled-by-the-grave-2
Pic Credit – Google Images

भारत में दुनिया का दूसरा ऐसा देश हैं जहां पर जनसँख्या सबसे ज्यादा हैं, अब क्यूंकि जनसँख्या बहुत ज्यादा हैं तो यहाँ पर जन्म लेने वाले और मरने वालों की संख्या भी बहुत ज्यादा होगी. लेकिन इस चक्कर में भारत में अब कब्र के लिए क़ब्रिस्तानों की जमीन कम पड़ने लगी हैं.

कम जमीन के चलते यहाँ पर कब्रों के रेट भी बहुत ज्यादा बढ़ रहें हैं. क़ब्रिस्तान की जमीन कई सैंकड़ों सालों तक विकास के काम नहीं आती और न ही कोई उसपर खेती करता हैं. वहीं अगर बात करें हिन्दू धर्म की तो यहाँ भी बहुत सारी समस्या हैं.

हिन्दू धर्म में संस्कार के लिए लकड़ी का उपयोग होता हैं ऐसे में एक रिपोर्ट के अनुसार एक व्यक्ति जब मरता हैं तो उसके लिए 6-7 स्वस्थ पेड़ों जितनी लकड़ी लगती हैं. कुछ जगहों पर अब गोबर के उपलों से भी संस्कार की रसम पूरी की जाने लगी हैं.

लेकिन इसमें दो समस्या सबसे गंभीर हैं पहली तो लकड़ी के लिए जंगलों की कटाई दूसरा उसके बाद होने वाला प्रदुषण. अगर आप लकड़ी की जगह गोबर के उपलों का भी प्रयोग करके लकड़ी बचा लेते हैं फिर भी आप प्रदुषण को नहीं रोक पाएंगे.

इसी बात को लेकर TV9 के पत्रकार समीर अब्बास ने ट्वीट करते हुए लिखा हैं की, “पक्की क़ब्रों के रुझान के चलते क़ब्रिस्तानों में दफ़्न के लिए ज़मीन कम पड़ रही है, क़ब्र की क़ीमत लाखों में पहुँच रही है. श्मशानों में संस्कार से प्रदूषण बढ़ रहा है. क्या देशहित में हम सब बिना आहत हुए ये फ़ैसला कर सकते हैं कि हमारा आख़िरी सफ़र विद्युत शवदाह गृह में ही ख़त्म हो?”

लेकिन इस पर भी कुछ कट्टरवादियों को ऐतराज़ हो गया और उन्होंने समीर अब्बास को घेरना शुरू कर दिया. लोगो ने समीर अब्बास के ट्वीट पर क्या प्रतिक्रिया दी उसके कुछ नमूने आपको निचे दिखाए गए हैं…

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here