
केंद्रीय महिला और बाल विकास तथा कपड़ा मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी ने यह ऐलान किया था की, “उनका मंत्रालय भारत में सभी यौन अपराधियों की डिजिटल सूची बना रहा है, ताकि नियोक्ताओं को जब कभी जरूरत हो, कर्मचारियों की पृष्ठभूमि जांच सकें”.
इसी कड़ी में सबसे पहले सोना महापात्रा ने स्मृति ईरानी को एक ओपन लेटर लिखा, गुरूवार दुपहर को लिखे गए इस लेटर के बाद शाम तक इंडियन आइडल 11 से अनु मलिक को निकाल दिया गया.
आपको बता दें की सोना महापात्रा ने इस लेटर में लिखा था की, “प्रिय स्मृति ईरानी जी, मैं यौन अपराधियों को पकड़ने की इस पहल के लिए आपका धन्यवाद देती हूं लेकिन उन संगठनों के बारे में क्या, जो इसके बावजूद उन्हें काम पर रखते हैं? Sony TV ने अनु मलिक के खिलाफ कई महिलाओं की गवाही को अनदेखी कर उन्हें नेशनल टीवी पर इंडियन आइडल में यंगस्टर्स के प्रोग्राम के लिए जज बनाया है. क्या यौन उत्पीड़न और हमले की कहानी बताने वाली कई महिलाओं की आवाज के कोई मायने नहीं रखती? क्या सोनी टीवी को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए?”
इस पत्र में सोना आगे लिखती हैं की, “हमारी संस्कृति हर त्योहार में बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाती है, दुर्गा पूजा, महिषासुर मर्दिनी, दशहरे में राम और रावण, भक्त प्रह्लाद और होलिका होली में और इस तरह के अन्य उत्सवों में यह चलता है. यह समाज को एक प्रतीकात्मक संदेश भेजते है और हमें सकारात्मक ऊर्जा और आशा से भर देते है. मैं समझती हूं कि परिवर्तन को जमीनी स्तर पर एक व्यवस्थित तरीके से संचालित किया जाना चाहिए. अनु मलिक जैसे यौन अपराधी को प्लेटफॉर्म देने, सक्षम करने और जश्न मनाने से यौन उत्पीड़न का ‘सामान्यीकरण’ होता है, जो हमारे समाज को बहुत खतरनाक संदेश देता है. यह उन्हें बढ़ावा भी देता कि उनके पास कुछ भी करने की स्वतंत्रता है सिर्फ इसलिए कि किसी ने उनके खिलाफ आवाज नहीं उठाई है. मैं आपसे अनुरोध करती हूं कि कृपया बच्चों और महिलाओं की दबी हुई आवाज और गरिमा के इस घोर उल्लंघन के बारे में जांच करें.”
इस पत्र के तुरंत बाद सोनी टीवी को राष्ट्रीय महिला आयोग ने एक नोटिस भेजा और सोनी टीवी ने भी जल्द ही कार्यवाही करते हुए उन्हें शो से निकाल दिया फिलहाल अभी यह साफ़ नहीं हुआ की उनकी जगह कौन लेने वाला हैं. लेकिन अब यह तय हैं की देश भर में लोगों के खिलाफ चल रहे सेक्सुअल हैरेसमेंट के आरोपियों की अब डिजिटल पहचान बनने जा रही हैं. जिससे आप किसी भी व्यक्ति के आधार नंबर से यह पता लगा सकते हैं की वो सेक्सुअल हैरेसमेंट जैसे मामलो में पकड़ा जा चूका हैं या नहीं.