
अजित पवार ने महाराष्ट्र की राजनीति में फिर एक बार हड़कंप मचा दिया है. शपथ समारोह से पहले अजित पवार कहां है किसी को पता नहीं है. अजित अपवार के करीबियों की माने तो इस वक़्त उनका फ़ोन भी स्विच ऑफ आ रहा है.
अजित पवार को लेकर जहां एक तरफ एनसीपी के कार्यकर्ता उप-मुख्यमंत्री बनाये जाने को लेकर मांग कर रहें है. वहीं सोशल मीडिया पर सजित पवार को मुख्यमंत्री बनाये जाने की मांग जोरो शोरो से चल रही है.
लेकिन एनसीपी के वरिष्ठ नेता का कहना है की अजित पवार कहीं गायब नहीं हुए. उनका हमारे साथ लगातार संपर्क जारी है, उन्होंने लोगो और मीडिया की फ़ोन कॉल्स से परेशान होकर अपना नंबर स्विच ऑफ किया है. एनसीपी के वरिष्ठ नेता ने यह भी दावा किया है की वह शपथ समारोह में जरूर आएंगे.
हालाँकि कल सूत्रों के हवाले से इस बात का पता चला था की एनसीपी ने अजित पवार को ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री बनाने की शर्त रख दी है. लेकिन फिलहाल आधिकारिक तौर पर शिवसेना और एनसीपी की तरफ से इस बात की पुष्टि नहीं हुई.
सूत्रों का कहना है की अजित पवार वापिस ही इसी शर्त पर आये हैं की उन्हें पार्टी और सरकार में बड़ा पद दिया जाएगा. वहीं राजनितिक विशेषज्ञों का कहना है की अजीत पवार को शरद पवार ने एक मोहरे के रूप में इस्तेमाल किया है.
NCP spokesperson, on reports that Ajit Pawar has switched off his mobile phone: Ajit Pawar (in file pic) has not gone incommunicado, he has intentionally switched off his mobile phone to avoid frequent calls. He will attend the swearing-in ceremony. pic.twitter.com/exRRHnCTsl
— ANI (@ANI) November 28, 2019
जिससे बीजेपी को लगा की अब हमारी सरकार बन जाएगी और राष्ट्रपति शासन रातों रात हटा दिया गया. नहीं, तो इसे हटाने में कई महीनों का समय लग सकता था ऐसे में बीजेपी की तरफ कई विधायक अपना समर्थन लेकर जा सकते थे. शरद पवार की यह रणनीति काम कर गयी और एनसीपी, शिवसेना और कांग्रेस द्वारा सरकार बनाने का रास्ता पूरी तरह से साफ़ हो गया.