जेएनयू आज फिर ख़बरों का हिस्सा बनता नज़र आ रहा है, आज 11 नवंबर को जेएनयू के छात्रों ने भारी मात्रा में एक मार्च निकाला. लेकिन आज के ही दिन उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल एक कार्यक्रम के दौरान जेएनयू में शिरकत करने वाले है.
लेकिन जेएनयू के छात्र संघ ने हॉस्टल फीस बढ़ोतरी और ड्रेस कोड को लेकर विरोध प्रदर्शन करते हुए मार्च निकाला है. पुलिस का कहना है की सभी छात्र जेएनयू के वाइस चांसलर के खिलाफ उग्र प्रदर्शन कर रहें है, जिसके लिए उन्होंने फिर भारी संख्या में सीआरपीएफ और दिल्ली पुलिस को बुलाया गया और छात्रों को जबरदस्ती पकड़ कर पुलिस बस में बिठाया गया.
जेएनयू के छात्रों का कहना है की अगर हमारी फीस और ड्रेस का मसला हल नहीं होता तो हमें दीक्षांत समारोह से कोई मतलब नहीं है और ना ही आने वाले मुख्य मेहमानों से. फिलहाल यह साफ़ नहीं हो पाया की छात्रों का यह विरोध सच में फीस और ड्रेस कोड को लेकर है या उप राष्ट्रपति के मुख्य मेहमान बनने पर दीक्षांत समारोह में खलल डालने का मात्र एक बहाना है.
छात्रों की मुख्य मांगे है की न तो उनसे हॉस्टल का सर्विस चार्ज लिया जाये, न ही उन्हें हॉस्टल में आने जाने पर समय की पाबन्दी लगाई जाये और बड़ी हुई फीस को वापिस लिया जाये. ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने भी समय की पाबंदी पर मानव अधिकार का उल्लंघन बताया था. अब देखना यह होगा की जेएनयू कैम्पस विद्यार्थियों की मांगो को मानता है या नहीं.
Wah very good. Bhim shall received the dead at the gate of heaven.