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8 नवंबर आज देश के लिए ऐतिहासिक दिन है, क्योंकि इसी दिन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटेबंदी का फैसला लिया था. जिसे आज भी कांग्रेस और विरोधी दल भूल नहीं पाए खैर आज का दिन भी कांग्रेस के नेता नहीं भूल पाएंगे.
आपको बता दें की केंद्र सरकार ने गांधी परिवार की एसपीजी सुरक्षा को हटा लिया है. इस वक़्त केवल देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास ही एसपीजी सुरक्षा मजूद हैं. राहुल गाँधी, प्रियंका वाड्रा और सोनिआ गाँधी के पास अब केवल सीआरपीएफ की जेड प्लस सुरक्षा ही मजूद रहेगी.
भारत में नेता सुरक्षा खतरे के स्तर के आधार पर नहीं बल्कि एक स्टेटस सिंबल के आधार पर लेते है. केंद्रीय गृह मंत्रालय इंटेलीजेंस ब्यूरो (आईबी) शिफारिश पर हर साल नेताओं पर होने वाले खतरें जांच करता है और उनकी सुरक्षा में बदलाव कर देता है.
एसपीजी सुरक्षा में तैनात कमांडो के पास दुनिया के सबसे बेहतर हथ्यार होते हैं, इसके साथ ही वो किसी भी परिस्थिति का सामना करने के लिए त्यार होते हैं. यह सुरक्षा पहले पूर्व प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह को भी मिली थी लेकिन उनके ऊपर खतरे का स्तर देखते हुए उनसे यह सुरक्षा वापिस ले ली गयी थी.
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अब क्योंकि आये दिन नरेंद्र मोदी को इस्लामिक संगठनों द्वारा जान से मारने की धमकी मिलती रहती हैं, इसलिए उनकी सुरक्षा को हटाया नहीं गया हैं. अब देखना यह होगा एसपीजी की सुरक्षा हटने के बाद राहुल गाँधी शांति से बात को समझते हुए फैसले का सम्मान करते हैं, या फिर इसमें भी राजनीति करते हुए ब्यान देते हैं.