
शिया वक्फ बोर्ड बहुत समय से यह मांग कर रहा था की बाबरी मस्जिद की जमीन हिन्दू भाइयों को दे देनी चाहिए. अंत में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया की बाबरी मस्जिद खाली जगह के ऊपर नहीं बनी थी, उसके निचे गैर इस्लामिक स्ट्रक्चर मजूद था.
सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला हिन्दुवों के पक्ष में सुनाते हुए विवादित जमीन राम मंदिर निर्माण के लिए दी और मुस्लिमों को बाबरी मस्जिद बनाने के लिए अलग से अयोध्या में पांच एकड़ जमीन मुहैया कराने का राज्य सरकार को आदेश दे दिया था.
सुप्रीम कोर्ट का या फैसला सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड और शिया वक़्फ़ बोर्ड दोनों ने मंजूर किया लेकिन ओवैसी अभी भी इस फैसले का विरोध करता नज़र आ रहा है. आपको बता दें की बाबर एक शिया मुस्लिम था न की सुन्नी मुस्लिम, कई मुस्लिम देशों में शिया और सुन्नी मुस्लिम के बीच युद्ध हो चूका है. मतलब यह दोनों समाज एक दूसरे मुस्लिम नहीं मानते. लेकिन यह भारत है तो शिया मस्जिद के लिए सुन्नी मुस्लिम भी अयोध्या केस पर एक साथ लड़ रहे थे.
अब शिया वक़्फ़ बोर्ड ने जन्मभूमि न्यास को 51000 रुपए देने का ऐलान कर दिया है, शिया वक़्फ़ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिज़वी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा है की, “हमने अयोध्या विवाद खत्म करने के लिए मध्यस्था से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक अपनी बात रखी. साथ ही राम मंदिर निर्माण की पैरवी की. कोर्ट का जो फैसला आया है, सिर्फ इसी से ये मामला सुलझ सकता था. अब हिंदुस्तान में राम जन्मभूमि के स्थान पर दुनिया का सबसे सुंदर राम मंदिर बनाने की तैयारी है.”

उन्होंने मीडिया से आगे कहा की, “इमामे हिंद भगवान श्रीराम सभी मुसलमानों के पूर्वज हैं. उनके मंदिर निर्माण के लिए बोर्ड की तरफ से 51000 रुपये की भेंट दी गई है. भविष्य में जब भी मस्जिद का निर्माण होगा, शिया वक्फ बोर्ड की तरफ से उसके निर्माण में भी मदद की जाएगी. अयोध्या में राम मंदिर सभी भक्तों सहित पूरे विश्व के लिए गौरव की बात है.”