अब राजस्थान की महिलाओं के घूंघट प्रथा से अशोक गहलोत को दिक्कत, इसे हटाने के लिए

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जब राजस्थान की महिलाओं को घूंघट में देखता हूं तो मुझे बहुत दुख होता है, आखिर कब तक महिलाएं घूंघट में रहेंगी. यह शब्द है, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के. जी हाँ आपने सही सुना हैं, राजस्थान में घूंघट प्रथा को ख़त्म करने का मन बना चुके अशोक गहलोत ने यह ब्यान अहमदाबाद में शनिवार को दिया हैं.

इससे पहले 5 नवंबर को जयपुर में एक कार्यकर्म के दौरान भी अशोक गहलोत ने कहा था की, “मैं पूछना चाहता हूं कि एक महिला को घूंघट में कैद करने का एक समाज को क्या अधिकार है? जब तक घूंघट रहेगा तब तक महिलाएं आगे नहीं बढ़ पाएंगी, जमाना गया घूंघट का.”

शनिवार को गुजरात के अहमदाबाद में अशोक गहलोत ने मोदी सरकार को आर्थिक मोर्चे पर भी घेरा उन्होंने कहा की, “मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में भारत की जीडीपी वृद्धि दर घटकर 4.5 प्रतिशत रह गयी जो कि बीते छह साल में निचले स्तर पर है. लगातार पांचवीं तिमाही में इस तरह की गिरावट दर्ज की गयी है.”

यही नहीं राजस्थान के मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर हैशटैग का इस्तेमाल करते हुए, ‘जीडीपी के बुरे दिन’ के साथ लिखा है, “अगर यह आर्थिक मंदी नहीं तो यह क्या है” आपको बता दें की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है की भारत की दूसरी तिमाही में जीडीपी 4.5 दर की रह सकती है, जो की पहली तिमाही में 5 प्रतिशत थी.

जब राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राष्ट्रीय राजनीती में अपनी जगह तलाशते हुए ज्ञान दे रहे थे तो उनके ही प्रदेश की जनता ने उनसे कुछ ऐसी सवाल पूछे जिनके जवाब मुख्यमंत्री तो दूर खुद कांग्रेस के समर्थक भी नहीं दे पाए…

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