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जैसा की पूरा देश जानता है बिहार में इंसान या तो आईएएस और आईपीएस बनता है या फिर बिलकुल ही अनपढ़ रह जाता हैं. इस बीच शिक्षा प्राप्त करना बहुत मुश्किल हैं, आरक्षण की वजह से नौकरी प्राप्त करने वाले उत्तर प्रदेश और बिहार में अध्यापकों की संख्या बहुत ज्यादा हैं.
इसका नुक्सान यह है की सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों का भविष्य सीधे तौर पर पूरी तरह से खराब हो जाता हैं. आरक्षण के बावजूद अगर अध्यापक अच्छा पढ़ाता है तो बहुत अच्छी बात है. लेकिन जिन अध्यापकों को खुद कुछ नहीं आता उनके द्वारा बच्चो को जब पढ़ाया जाता है, तो उनका भविष्य खराब होना निश्चित होता हैं.
मान लीजिए एक बच्चा सरकारी स्कूल में पढ़ने के बाद रविवार यानी ‘Sunday’ के स्पेलिंग ‘Sande’ पढता है तो वह सरकारी स्कूल में तो पास हो जायेगा क्योंकि पेपर चेक करने वाले वही अध्यापक होंगे जिन्होंने उसे खुद ‘Sande’ सिखाया था. लेकिन क्या होगा जब वह आगे किसी कॉलेज में या फिर विश्वविद्यालय में पढ़ने के लिए जाएंगे?.
रविवार के इंग्लिश अनुवाद मात्र एक शब्द का उदाहरण हैं, लेकिन ऐसे अध्यापकों को आप न्यूज़ और मीडिया में अक्सर देखते होंगे जहां अध्यापक खुद ही बच्चों को गलत शिक्षा दे रहें हों. इस वजह से बिहार और उत्तर प्रदेश में कॉलेज और विश्वविद्यालय में फेल होने वाले बच्चों की संख्या पुरे देश के मुकाबले सबसे अधिक रहती हैं.
क्या आप जानते है नीतीश सरकार के निक्कमेपन के कारण बिहार में ग्रैजुएशन करने में 6-8 वर्ष और पोस्ट ग्रैजुएशन करने में 4-6 वर्ष लगते है?
आत्ममुग्ध नीतीश कुमार जी ने विगत 15 वर्ष में मीठा ज़हर देकर बिहार की शिक्षा व्यवस्था का निर्ममता से क़त्ल किया है।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) December 2, 2019
वहीं पहली बार में कॉलेज और विश्वविद्यालय को पास करने वालों की संख्या सबसे कम होती हैं. इसी बात पर तेजश्वी यादव ने नितीश कुमार की सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा की, “क्या आप जानते है नीतीश सरकार के निक्कमेपन के कारण बिहार में ग्रैजुएशन करने में 6-8 वर्ष और पोस्ट ग्रैजुएशन करने में 4-6 वर्ष लगते है? आत्ममुग्ध नीतीश कुमार जी ने विगत 15 वर्ष में मीठा ज़हर देकर बिहार की शिक्षा व्यवस्था का निर्ममता से क़त्ल किया है.”
उसके बाद तो मानों ट्रोलर्स को एक बार फिर से तेजश्वी यादव को घेरने का मुद्दा मिल गया और उन्होंने तेजश्वी यादव पर जमकर टिप्पणियां की, जिनके कुछ नमूने निचे दिए हैं…
हां हम सब जानते हैं कि हमारे मां – पिता जी पन्द्रह साल मुख्यमंत्री रहने के बावजूद हम नौवीं कक्षा तक ही पढ़ पाए। इतनी अच्छी शिक्षा ब्यवस्था थी बिहार में। और फिर हम अरबों की सम्पत्ति भी जमा कर लिए।।
— CSA (@CSA_Bhartiya) December 2, 2019
पहिले ख़ुद तो 10 पास कर बाद में ग्रैजुएशन की बात करना अनपढ़ गवार
— DJ Singh (@Djsingh1986) December 3, 2019
जो कुतरु खुद से आठवीं पास नही कर पाया🤔
वो पोस्ट ग्रेजुएट पर ज्ञान पेल रहा😝😝😂😂
ये तो वही बात हो गई🤔
सन्नी लियोन सती-सावित्री रहने की कथा सुना रही हो😝😂https://t.co/hd58TpGra9
— 🇮🇳🏹मुकेश कुमार जोशी देशभक्त🏹 🇮🇳TPN (@MukeshKumarJo15) December 3, 2019
और ९ पास करने मे उम्र भी गुजर जाती हे कयियो की।।।
अरे मोरी मैया। @bewda_anna @GhasIate— कौमरेड मछुवारे पानीपुरी वाले (@Naukarshah2) December 2, 2019
मतलब तू 10th नही कर पाया तो @NitishKumar जी के कारण😂😆
— Anand Jha🇮🇳 (@Anandsaffron) December 3, 2019