
देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट ने आज अयोध्या पर फैसला सुनाना शुरू कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने सबसे पहले यह साफ़ कर दिया है की हम तथ्यों के आधार पर फैसला सुनाएंगे ना की किसी विशेष धर्म की आस्था या फिर विश्वास के आधार पर.
फैसले का जिक्र करते हुए रंजन गोगोई ने कहा है की बाबरी मस्जिद खाली जमीन पर नहीं बनी थी. उसके निचे ढांचा मजूद था, ASI की रिपोर्ट का हवाला देते हुए CJI रंजन गोगोई ने कहा की बाबरी मस्जिद जहां आज है वहां पहले मंदिर ही था.
CJI रंजन गोगोई ने कहा विश्वास और आस्था की किसी को जमीन का मालिकाना हक़ नहीं मिल जाता, CJI रंजन गोगोई ने कहा की विवादित ढाँचे के निचे जो मिला है वो इस्लामिक संरचना नहीं थी लेकिन इससे यह भी साबित नहीं होता की वो अवशेष राम मंदिर के थे. फिर भी सबसे बड़ा पक्षधर राम मंदिर को ही माना जा सकता है और निर्मोही अखाड़े का दावा खारिज कर दिया जाता है.

इस बात के प्रमाण हैं कि अंग्रेजों के आने से पहले राम चबूतरा, सीता रसोई की पूजा हिंदुओं द्वारा की जाती थी. बाद में मुस्लिम समाज ने वहां नमाज पढ़ना कब शुरू किया इसके कोई पुख्ता सबूत नहीं है.
तीन महीने के अंदर राम मंदिर ट्रस्ट बनकर त्यार हो: सुप्रीम कोर्ट
मुस्लिम पक्ष को भी मस्जिद बनाने के लिए भी जमीन दे राज्य सरकार: सुप्रीम कोर्ट