
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर मुस्लिम पक्षधर वकील वकील जफरयाब जिलानी ने कहा है की पुनर्विचार याचिका को दायर कर सकते है. उन्होंने कहा हमारे पास एक महीने का समय है और हम कमेटी की बैठक में सुनश्चित करेंगे की पुनर्विचार याचिका दायर करेंगे या नहीं.
मुस्लिम पक्ष के वकील जफरयाब जिलानी ने मुस्लिम समुदाय से अपील की है की शांति और कानून व्यवस्था बनाएं रखें. यह कोई जीत और हार का फैसला नहीं है और न ही हम इसके लिए लडे थे. लेकिन इसका मतलब यह भी नहीं है की फैसला हमारी उमीदों पर खरा उतरा है.
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की मीटिंग में हम सब वकील बैठकर तय करेंगे की इस फैसले पर पुनर्विचार याचिका दायर करनी है या फिर नहीं करनी. जहां तक मेरी राय हैं हम इस याचिका को दायर करेंगे. लेकिन देखते है की बोर्ड क्या फैसला लेती है.
वहीँ मुस्लिम पक्षधर इकबाल अंसारी का कहना है की हम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते है. हम शुरू से ही कहते आये थे की कोर्ट जो भी फैसला सुनाएगी हमें मंजूर होगा. अब राज्य सरकार तय करे की वो हमें पांच एकड़ जमीन कहाँ देना चाहती है.

अब देखना यह होगा सभी मुस्लिम पक्षधर सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का सम्मान करते हैं या फिर पुनर्विचार याचिका दायर करते है. अगर पुर्विचार याचिका दायर भी हुई तो इसमें किसी तरह से वकीलों की बहस या फिर गवाहों की गवाही नहीं होगी 3 दिन में वो अपने जजमेंट की गयी टिप्णियों को करेक्ट कर देंगे.