
बजाज नाम याद आते ही सबसे पहले दिमाग में पल्सर मोटर साइकिल और चेतक स्कूटर का नाम याद आता हैं. लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं की बजाज की अपनी चीनी मिलें भी हैं. अब मोदी सरकार इन्हीं चीनी की मीलों पर किसानों का बकाया चुकता करने का दबाव बना रही हैं.
राहुल बजाज ने वापिस सरकार पर दबाव बनाने के लिए देश में ‘डर का माहौल’ वाला मुद्दा उठा दिया. 40000 करोड़ रूपए का मालिक अगर सार्वजनिक तौर पर ऐसा ब्यान दे तो मीडिया और देश की नजरें उस पर जरूर जाती हैं. ऐसा ही हुआ राहुल बजाज के साथ मीडिया और विपक्षी दलों ने मोदी सरकार को घेरना शुरू कर दिया.
अब नाम मीडिया में उछला तो उनसे जुड़े मुद्दे भी मीडिया में उछलने शुरू हुए. सबसे पहले उत्तर प्रदेश के लखीमपुर-खीरी से भाजपा सांसद अजय टेनी मिश्रा ने संसद में बताया की लखीमपुर गन्ना उत्पादन के प्रमुख क्षेत्रों में से एक हैं. गन्ने का बहुत बड़ा हिस्सा इसी क्षेत्र में किसानों द्वारा उगाया जाता है.
शायद यही कारण हैं की इस क्षेत्र में 10 चीनी की मिलें हैं और इन 10 मिलों में से 3 बजाज परिवार के सदस्यों की हैं. जब राहुल बजाज का नाम संसद में आया तो विपक्ष पूरी तरह से बोखला गया हालाँकि बीजेपी संसद ने अपनी बात को पूरा करते हुए बताया की इन तीनों मीलों में 2 साल में गन्ना किसानों का 10,000 करोड़ रुपया बकाया हैं.
सरकार लगातार बजाज परिवार के सदस्यों को किसानों का 10000 करोड़ रूपए के बकाए का भुगतान करने के लिए दबाव बना रही हैं. सांसद ने सदन में कहा की, “उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री उन चीनी मिलों को लेकर सख्त हैं, जो किसानों का बकाया रुपया नहीं दे रहे हैं. ऐसी चीनी मिलों पर कार्रवाई की जा रही है. ऐसे में, लखीमपुर के 3 चीनी मिलों के मालिक राहुल बजाज का भयभीत होना स्वाभाविक है. जो भी लोग ग़लत कार्यों से जुड़े हुए हैं, वो सारे भयभीत हैं. उन्हें भयभीत होना भी चाहिए. राहुल बजाज का उन चीनी मिलों के सञ्चालन पर क़रीबी नज़र रखता है और हर तीसरे महीने वहाँ जाता है.”

विपक्षी दल के नेता ने कहा की अब उस चीनी मिल का नाम बदल चूका है तो इसपर बीजेपी सांसद ने कहा नाम बदलने किसानों का बकाया चुकता हो जाएगा? उन्होंने कहा की, “बता दें कि ‘बजाज हिंदुस्तान शुगर लिमिटेड (BHSL)’ भारत की प्रमुख चीनी उत्पादक कम्पनी है. पहले इसका नाम ‘हिंदुस्तान शुगर मिल्स लिमिटेड’ था. इसकी स्थापना जमनलाल बजाज ने 1931 में की थी. 1988 में इसका नाम बदला गया. ‘बजाज हिंदुस्तान’ के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर कुशाग्र बजाज हैं. वो शिशिर बजाज के बेटे हैं. शिशिर बजाज और राहुल बजाज भाई हैं. अर्थात, कुशाग्र राहुल के भतीजे हैं. यूपी में बजाज की 14 चीनी मिलें हैं.”
खुद को किसानों का हितैषी मानने वाले कांग्रेस के नेताओं ने इस तथ्य के बाहर आने के बाद से एक बार भी सार्वजनिक तौर पर नहीं कहा की किसानों का बकाया चुकता करना चाहिए. ऐसे में यह सवाल तो बनता हैं, आखिर विपक्षी नेताओं द्वारा संसद में राहुल बजाज के पक्ष में बोलने का क्या लाभ मिला होगा?