एनसीपी के मुखिया शरद पवार ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए शनिवार को कहा है कि राष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दों पर राजनीति नहीं करनी चाहिए! एनसीपी मुखिया ने 1962 का जिक्र करते हुए कहा है कि किसी पर आरोप लगाते समय यह भी देख लेना चाहिए कि अतीत में क्या हुआ था! शरद पवार ने पार्टी क्यों किया था लद्दाख में चल रहे गतिरोध को लेकर केंद्र पर लगातार हमलावर हो रही है! मिली जानकारी और रिपोर्ट के अनुसार एनसीपी के मुखिया का यह बयान कांग्रेस नेता राहुल गांधी के द्वारा केंद्र सरकार पर लगाए जाने वाले चीनी आक्रमण के सामने आत्मसमर्पण करने के आरोप के संबंध में थे!
कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच 15 जून को केंद्र पर तंज कस रही है! उनका कहना था कि प्रधानमंत्री मोदी है स्पष्ट कर दें कि चीन ने लद्दाख में घुसपैठ की है या नहीं! हालांकि प्रधानमंत्री मोदी इस संबंध में पहले ही आधिकारिक रूप से कह चुके हैं कि चीन ने भारत की सीमा में कोई घुसपैठ नहीं की है और हमारी सेना ने उन्हें मुंहतोड़ जवाब दे दिया है!
इसी पर एनसीपी के मुखिया शरद पवार का कहना है कि 1962 के बाद पहली बार ऐसा हुआ है जब पड़ोसी देश भारतीय भूमि के बड़े हिस्से का दावा कर रहा है! उनका कहना है कि “हम यह नहीं भूल सकते कि 1962 में क्या हुआ था जब चीन ने भारत के क्षेत्र के 45,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर कब्जा कर लिया था! ये आरोप लगाते समय, किसी को यह भी देखना चाहिए कि अतीत में क्या हुआ था। यह राष्ट्रीय हित का मुद्दा है और किसी को इस पर राजनीति में नहीं करनी चाहिए!”
गौरतलब है कि एनसीपी और शिवसेना के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार में कांग्रेस की सहयोगी पार्टी है! एनसीपी के मुखिया ने अक्साई चीन पर बात करते हुए यह भी कहा है कि गलवान घाटी में गतिरोध के लिए केंद्र को दोषी नहीं ठहराया जा सकता! उन्होंने आगे कहा है कि “जब भी चीनी सैनिकों ने भारतीय जमीन पर अतिक्रमण करने की कोशिश की, हमारे सैनिकों ने चीनी सेना के जवानों को पीछे धकेलने का प्रयास किया है! यह कहना कि यह किसी एक की असफलता है या किसी रक्षा मंत्री की विफलता है, सही नहीं है! अगर हमारी सेना अलर्ट पर नहीं होती, तो हमें चीनी दावे की जानकारी नहीं होती!”