
कांग्रेस के समर्थक वकील ने ग्वालियर के मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में गाँधी परिवार की एसपीजी सुरक्षा हटाए जाने पर एक याचिका दायर की थी. ग्वालियर की मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की बेंच ने याचिका तो खारिज की ही साथ में उन्होंने वकील पर 25000 रूपए का जुर्माना भी लगा दिया.
बेंच ने वकील को खरी खोटी सुनाते हुए कहा की याचिका सस्ती लोकप्रियता पाने का साधन नहीं होती. याचिका दायर करने वाले का नाम वकील उमेश बोहरे बताया जा रहा है. उसने जनहित याचिका दायर कर पीएमओ, गृह मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय सहित 6 लोगों को पार्टी बना दिया था.
SPG सुरक्षा देश की सबसे ज्यादा उच्च स्तरीय सुरक्षा होती है. एसपीजी कोई हमलावर फाॅर्स नहीं बल्कि रक्षात्मक फाॅर्स होती है. एसपीजी में शामिल होने वाले जवानों का चुनाव पारामिलिट्री फोर्स यानी CRPF, BSF, ITBP और CISF के सबसे अच्छों में से अच्छे जवानों में से होता है.
एसपीजी जवानों के पास दुनिया के सबसे बेहतरीन हथ्यार मजूद होते हैं. जैसे की Fully automated FNF-2000 की assault rifles इत्यादि. इसके इलावा यह अपने पास एक पिस्टल बूलेट प्रूफ जैकेट और किसी भी तरह की परिस्थिति से निपटने के लिए हर पल त्यार रहते हैं.

कांग्रेस से बीजेपी में आये एक सूत्र ने बताया है की एसपीजी सुरक्षा जिसको हासिल होती है, उसको पुलिस भी गिरफ्तार नहीं कर सकती. बस यही कारण है की विदेशों में एसपीजी सुरक्षा न ले जाने वाले गाँधी परिवार को देश में एसपीजी सुरक्षा चाहिए. भ्रस्टाचार के आरोपों में घिरा पूरा गाँधी परिवार इस वक़्त जमानत पर बाहर है, जिस दिन इनकी पी. चिदंबरम की तरह जमानत याचिका रद्द होगी यह भी तिहाड़ में जाएंगे. बस उसी के लिए कांग्रेस और गाँधी परिवार एसपीजी के घेरे में रहना चाहता है, जिससे पुलिस उन्हें गिरफ्तार न कर सके.