बड़ी खबर इस वक़्त दक्षिण कश्मीर से आ रही हैं, बताया जा रहा है की आतंकियों के खिलाफ अब दक्षिण कश्मीर के लोग भी भारतीय सेना के साथ आ गए हैं. 370 हटने के बाद से ही अब ग्रामीण इन आतंकियों से डरने की बजाए सेना के साथ इनका मुकाबला कर रहें हैं.
खबर शोपियां की है जहां हीरपोरा ग्राम के सरपंच को निशाना बनाने के मकसद से आये ग्रामीणों ने डटकर सामना किया है. ऐसे में आतंकियों को अपनी जान बचाने के लिया हीरपोरा ग्राम से भागना पड़ा.
शायद आपको पता न हो लेकिन हीरपोरा ग्राम का सरपंच भारतीय जनता पार्टी का एक वरिष्ठ नेता हैं. पुलिस और सेना ने हीरपोरा के आस पास के पुरे इलाके को घेर लिया है. पुलिस का कहना है की हम आतंकियों को जल्द ही ढूंढ निकालेंगे.
बताया जा रहा है की गुरूवार को देर रात हीरपोरा ग्राम के सरपंच के यहां कुछ आतंकियों ने दस्तक दी थी. ग्राम के सरपंच का नाम एजाज एहमद बताया जा रहा है. एजाज एहमद समझ गया था इतनी रात को कोई आतंकी ही उसके दरवाजे पर खड़ा होगा, लिहाज़ा उसने दरवाजा खोलना जरूरी नहीं समझा.
इतने में आतंकियों ने जोर से चिलाकर कहा की अगर तुमने दरवाजा नहीं खोला तो सबको मार देंगे. ऐसे में एजाज और उसके परिवार वालों ने चिलाना शुरू कर दिया और देखते ही देखते पूरा मौहल्ला बाहर आ गया.
मोहल्ले के लोगों के बाहर आते ही आतंकी सेहम गए और ग्राम के निवासियों ने उनका विरोध करना शुरू कर दिया. ऐसे में आतंकियों ने गोली चलाने की बजाए वहां से भागना बेहतर समझा. कुछ ग्रामीणों का कहना है की आतंकियों ने हमें डराने के लिए हवा में फायर भी किये थे. लेकिन ग्रामीणों की संख्यां उनकी गोलियों के मुकाबले बहुत ज्यादा थी ऐसे में सब ग्रामीणों ने मिलकर उनकी राइफल छीनने की कोशिश की और वह भाग गए.
ग्रामीणों ने ग्राम से बाहर जाने तक आतंकियों का पीछा किया इतने में पुलिस और सेना के जवान मौके वारदात पहुंचे और उन्होंने पुरे इलाके को चारों तरफ से घेर लिया. अब देखना यह होगा की इन आतंकियों को पुलिस और सेना मिलकर कब और कैसे ढूंढ पाती है. लेकिन इस घटना से इतना तय हो गया है की अब कश्मीर से आतंक के सफाये में वहां के लोकल भी सेना और पुलिस का सहयोग करने लगे हैं.