बांग्लादेश में जन्मी हुई तस्लीमा नसरीन ने इस्लामिक राष्ट्र को करीबी से देख चुकी हैं, इसलिए वो नहीं चाहती की भारत भविष्य में एक इस्लामिक देश बने. आपको याद होगा की कुछ साल पहले मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने शरिया अदालत भी मांग की थी.
ऐसे में सवाल यह भी उठता है की क्या मुसलमानों को बाबा साहेब आंबेडकर के लिखे संविधान और उसकी न्यायव्यवस्था पर विश्वास नहीं हैं? जब विवाद खड़ा हुआ था तो बोर्ड के कुछ सदस्यों ने कहा था अगर आपको इतनी परेशानी हैं तो हमें अलग देश दे दीजिये.
इसपर कांग्रेस के नेता शशि थरूर ने और नमक डालते हुए हिन्दू-पाकिस्तान शब्द का इस्तेमाल करते हुए ब्यान दे दिया था. इसके बाद ही तसलीमा ने अपने ट्विटर पर लिखा था की, “भारत आगे चलकर एक मुस्लिम देश बन जाए इस से कही बेहतर है की भारत हिन्दू राष्ट्र ही बने, वैसे तस्लीमा ने ये भी कहा की भारत सेक्युलर ही ठीक है, पर इस्लामिक और हिन्दू राष्ट्र की बात हो तो हिन्दू राष्ट्र ही बने.”
India is not 'Hindu Pakistan'. India is 'Hindu India'. 'Hindu India' is better than 'Muslim India'. The best is 'secular India'. Here secular does not mean religious, it is rather non-religious.
— taslima nasreen (@taslimanasreen) July 12, 2018
दरअसल 2019 में लोकसभा चुनावों से पहले कांग्रेस के नेताओं का कहना था की अगर बीजेपी वापिस सत्ता में आती है तो भारत हिन्दू-पाकिस्तान बन जायेगा. हालाँकि इस पर लोगों का कहना था की कांग्रेस यह क्यों नहीं बताती की जब वह सत्ता में आएगी तो इस्लामिक राष्ट्र बनाने का रास्ता आसान किया जायेगा?