कांग्रेस की महासचिव प्रियंका वाड्रा गांधी, उन्नाव में पीड़िता के परिवार वालों से मिलने पहुंची. इसी के चलते उत्तर प्रदेश में विधानसभा के बाहर कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता भी अपने झंडे लेकर विरोध प्रदर्शन करने के लिए पहुँच गए.
बलात्कार और हत्या पर राजनीति करने पहुंची प्रियंका वाड्रा उत्तर प्रदेश तो पहुंची लेकिन हैदराबाद नहीं गयी. हैदराबाद में मुख्य आरोपी मुस्लिम था, हैदराबाद मुस्लिम बहुल इलाका है, जिसका बलात्कार और हत्या हुई वो हिन्दू थी और सबसे बड़ी बात हैदराबाद में बीजेपी की सरकार नहीं है, ओर तो ओर वहां बीजेपी का सांसद भी नहीं हैं.
ऐसे में हैदराबाद के परिवार से मिलने पर शायद प्रियंका गांधी को उतना राजनितिक लाभ प्राप्त न होता जितना उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार को कोसने और परिवार से मिलने पर होगा. यही कारण हैं की हैदराबाद के आरोपियों के एनकाउंटर पर सवाल उठाने वाली कांग्रेस उत्तर प्रदेश पुलिस से पूछ रही है, उन्नाव पीड़िता का एनकाउंटर कब करेंगे.
इसी राजनीति के चलते कांग्रेस के कार्यकर्ता उत्तर प्रदेश की विधानसभा के बाहर उग्र होना शुरू हो गए. बस फिर क्या था पुलिस ने पहले वार्निंग दी और उसके बाद लाठियां चलना शुरू हो गयी. जैसे ही लाठियां चलना शुरू हुई, कांग्रेस के कार्यकर्ता अपनी पार्टी के झंडो को अपने पैरों से रौंदते हुए भागने लगे.
उत्तरप्रदेश पुलिस ने इतना मारा की लाठी भी टूट गई !! pic.twitter.com/6GKdr0XMnS
— Aadesh Rawal (@AadeshRawal) December 7, 2019
प्रियंका गांधी वाड्रा ने पीड़िता के परिवार वालों से मिलने के बाद मीडिया में ब्यान दिया, जिसमे उन्होंने कहा की, “यूपी में क़ानून-व्यवस्था विफल रही है”. इसका काउंटर जवाब देते हुए उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा की दोषियों को सख्त से सख्त और जल्द से जल्द सज़ा मिलेगी.
ऐसे में सवाल न्याय व्यवस्था पर भी उठता हैं, की अगर एक आरोपी जेल में बलात्कार के मामले में बंद है और कार्यवाही चल रही हैं. इस बीच उसे बेल देना कहा की समझदारी हैं? अगर बेल दी है तो पहले लड़की की सुरक्षा का इंतजाम करना चाहिए. लेकिन क्या कर सकते हैं बाबा साहेब आंबेडकर जी द्वारा लिखे संविधान के अनुसार ही न्याय व्यवस्था चलती हैं.