
कोठारी बंधु (राम कोठारी तथा शरद कोठारी) नाम के दो भाइयों को आप नहीं जानते तो आपको बता दें यह वही दो भाई हैं जिन्होंने आज के ही दिन अयोध्या में श्री राम मंदिर के ऊपर भगवा फहरा दिया था. लेकिन इस बात को तब के मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव बरदाश्त नहीं कर पाए और उन्होंने कारसेवकों पर गोलिया चलवा दी.
याद रहे कारसेवक निहथे थे, हवाई फायर और गिरफ्तारी भी हो सकती थी लेकिन आदेश के अनुसार पुलिस ने सीधा आमने-सामने गोली चलाई नतीजा यह निकला की कई कारसेवक धर्म के लिए अपने ही देश में शहीद हो गए, जिनमे से दो थे कोठारी बंधु (राम कोठारी तथा शरद कोठारी) जिन्हे 2 नवंबर को पुलिस द्वारा गोली मारी गयी.
1990 का वर्ष था. 21 से 30 अक्टूबर 1990 तक अयोध्या में कारसेवकों की संख्या बढ़ती जा रही थी, जब की वहां पहले से ही लाखों कारसेवक मजूद थे. अशोक सिंघल, उमा भारती, विनय कटियार के नेतृत्व में लाखों की भीड़ अयोध्या मंदिर में जाने के लिए उत्सुक थी.
मंदिर के बाहर यूपी पीएसी के करीब 30 हजार जवानों को तैनात किया गया था. मुलायम सिंह यादव का एक आदेश था की तब की बाबरी मस्जिद को किसी तरह का कोई नुक्सान नहीं पहुँचना चाहिए. लेकिन लाखों की भीड़ में से लगभग 5000 लोग बाबरी मस्जिद पर चढ़ने में कामयाब रहें.
इन 5000 में से 2 भाइयों ने बाबरी मस्जिद के ऊपर भगवा फहरा दिया और जय श्री राम के नारों के बीच पूरा अयोध्या गूँज उठा. जिसके बाद 2 नवंबर को विनय कटियार के नेतृत्व में दिगंबर अखाड़े की तरफ से हनुमानगढ़ी की तरफ जा रही भीड़ पर पुलिस ने सीधी फायरिंग कर दी.
इस भीड़ में राम कोठारी तथा शरद कोठारी दोनों मजूद थे, बताया जाता है की जब गोली की आवाज़ आयी तो दोनों भाई लाल कोठी वाली गली के एक घर में छिप भी गए थे लेकिन पुलिस को तो मानों इनको मारने का ही आर्डर मिला था. कुछ समय बाद पुलिस ने फायरिंग रोकी दोनों घर से बाहर निकले और दोनों को पुलिस गोली मार डाली.

बताया जाता यही की पहले बड़ा भाई राम कोठारी घर से बाहर आया था, जब उसको पुलिस की गोलिया लगी तो छोटे भाई शरद से रहा नहीं गया वो अपने खून से लतपथ बड़े भाई के के ऊपर लेट गया लेकिन पुलिस ने फायरिंग नहीं रोकी नतीजा शरद और राम कोठारी ने मौके पर ही दम तोड़ दिया.
इस फायरिंग में सरकारी आंकड़ों में तो संख्या के पांच बताई जाती है, लेकिन आँखों देखि लोगों का मानना है की संख्या बहुत ही ज्यादा थी. पुलिस भीड़ पर सीधा फायर कर रही थी ऐसे में सिर्फ पांच लोग की मृत्यु होने का दावा बिलकुल गलत है.
इस बात को आज लगभग 29 साल होने को है और सुप्रीम कोर्ट में श्री राम मंदिर को लेकर फैसला आने वाला है. सुनवाई पूरी हो चुकी है फैसला कभी भी आ सकता है. सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला राम मंदिर के लिए शहीद हुए सभी हिन्दुवों के लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी.