प्रियंका चतुर्वेदी को नहीं मिला भाग्य का साथ राहुल गांधी के बाद मिला आदित्य ठाकरे को डिफेंड करने का काम

0
priyanka-chaturvedi-did-not-get-the-luck-after-rahul-gandhi-got-the-job-of-defending-aditya-thackeray-1
Pic Credit - Google Images
priyanka-chaturvedi-did-not-get-the-luck-after-rahul-gandhi-got-the-job-of-defending-aditya-thackeray-2
Pic Credit – Google Images

भारतीय राजनीती में सबसे बड़े बदलावों के बीच एक बदलाव सोशल मीडिया का भी हुआ है. जहां पहले सरकारें बैनर, पोस्टर, स्टीकर आदि लगाकर अपनी पार्टी का प्रचार करती थी आज वही प्रचार सोशल मीडिया के द्वारा किया जाता है.

लेकिन इस सोशल मीडिया के प्रचार के लिए राजनितिक पार्टियों को एक सोशल मीडिया एक्सपर्ट भी चाहिए होता है, जिसके जरिये वो उस पार्टी की पूरी सोशल मीडिया टीम को हैंडल करता है और चुनावों के वक़्त प्रचार अभियान का रोड मैप त्यार करता है. ऐसे ही सोशल मीडिया एक्सपर्ट्स में से एक नाम प्रियंका चतुर्वेदी का भी है.

प्रियंका चतुर्वेदी सोशल मीडिया एक्सपर्ट और एक अच्छी प्रवक्ता भी है, पहले कांग्रेस और फिर शिवसेना में आयी प्रियंका चतुर्वेदी की किस्मत शायद उनका साथ नहीं देती क्योंकि पहले उनको राहुल गाँधी के बयानों डिफेंड करना पड़ता था और अब आदित्य ठाकरे के बयानों को.

आपको शायद याद होगा आज तक की न्यूज़ एंकर अंजना ओम कश्यप के मुंह से आदित्य ठाकरे को लेकर निकल गया था, “यह शिवसेना का राहुल गांधी साबित होगा”. खैर इसके बाद उन्होंने ट्वीटर के जरिये इस बात की माफ़ी भी मांग ली थी.

दरअसल प्रियंका चतुर्वेदी को अब तक मिले कामों में ऐसे इंसानों को डिफेंड करने का काम मिला है, जिनको देशवासी राजनेता के रूप में नहीं बल्कि मजाकिया व्यक्ति के रूप में देखना और सुनना पसंद करते है.

दरअसल आज भी महाराष्ट्र की राजनीती में शिवसेना का कद बढ़ाने के लिए की गयी पोस्ट में प्रियंका चतुर्वेदी ने एक ऐसी पोस्ट डाल दी जिसमे भारत के नक़्शे में पाकिस्तान के कब्ज़े वाले कश्मीर और चीन के कब्ज़े वाले कश्मीर को भारत का हिस्सा नहीं दिखाया गया था. बस फिर क्या था राष्ट्रवादियों ने जमकर क्लास लेना शुरू कर दिया.

ऐसे ही इन लोगों को डिफेंड करने के चक्कर में प्रियंका चतुर्वेदी को भी कुछ ऐसे ब्यान देने पड़ जाते है, जिसके बाद उन्हें खुद माफ़ी मांगनी पड़ती है. फिलहाल महाराष्ट्र में किसी की भी सरकार नहीं बनी है, इस पर राजनीति बहुत तेज़ है. फिलहाल सभी पार्टियां सत्ता हासिल करने की फिराख में है. ऐसे में एक राहुल गाँधी जो प्रधानमंत्री बनना चाहता था नहीं बन पाया और अब आदित्य ठाकरे जो मुख्यमंत्री बनना चाहते है लेकिन क्या बनेंगे? यह तो आने वाला वक़्त ही बताएगा.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here