जब से दीपिका पादुकोण जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में वामपंथी छात्रों के समर्थन में उत्तरी हैं, तब से ही बीजेपी और उसके कार्यकर्त्ता इस सपोर्ट को दीपिका की आने वाली फिल्म छपाक के प्रचार अभियान से जोड़ रहें हैं.
यही नहीं बीजेपी आईटी सेल की तरफ से ट्विटर पर भी फिल्म को बायकॉट करने का अभियान शुरू किया गया. इसके बाद दीपिका ने मीडिया से कहा की, “यह देखकर मुझे गर्व होता है कि हम अपनी बात कहने से डर नहीं हैं. यह देखकर खुशी होती है कि लोग सामने आ रहे हैं और बिना किसी खौफ के अपनी आवाज उठा रहे हैं. यह जरूरी है कि लोग चुप न रहें, खुलकर अपने विचार व्यक्त करें.”
दीपिका खुद को भले ही राजनीती का हिस्सा न मानती हो लेकिन वो राहुल गाँधी की जबरदस्त समर्थक हैं. उन्होंने 2010 में कांग्रेस की सरकार के दौरान कहा था की, “मैं राजनीति के बारे में ज्यादा कुछ जानती नहीं हूं. पर जो भी थोड़ा बहुत देखती हूं टीवी पर, राहुल गांधी जो कर रहे हैं हमारे देश के लिए, मेरे हिसाब से वो एक बेहतर उदाहरण है. वो हमारे देश के लिए बहुत कुछ कर रहे हैं. उम्मीद है एक दिन वो खुद प्रधानमंत्री बन जाएंगे.”
उन्होंने राहुल गाँधी के बारे में कहा था की, “मैं चाहती हूं कि राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनें. वो यूथ के साथ अच्छे से जुड़ते हैं और उनकी सोच व विचार पारंपरिक भी है, साथ ही भविष्यवादी दृष्टिकोण भी है. देश के लिए यह महत्वपूर्ण है.”
अक्सर देखा भी जाता है की जब किसी अदाकारा का बॉलीवुड कर्रिएर ख़त्म होता हैं, तब या तो वह गुमनामी की जिंदगी जीना शुरू कर देती हैं या फिर राजनितिक सफर की शुरुआत करती हैं. खैर यह तो आने वाला वक़्त ही बताएगा की दीपिका पादुकोण ने अपने बॉलीवुड कर्रिएर के बाद कैसा जीवन व्यतीत करने के बारे में सोचा हैं.