Uttarakhand News: एक बड़ी कार्रवाई में, उत्तराखंड सरकार ने देहरादून रेंज में वन भूमि पर अवैध रूप से निर्मित मज़ारों (मकबरे) को ध्वस्त कर दिया है। विध्वंस मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अतिक्रमण की वन भूमि को साफ करने के निर्देशों का हिस्सा है। इससे पहले, मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वे एक विशेष अभियान चलाकर अनधिकृत मज़ारों, मस्जिदों, मंदिरों और सरकारी भूमि पर बने चर्चों की पहचान करें।

मुख्यमंत्री धामी ने कही थी ये बात!
इस साल की शुरुआत में Uttarakhand के मुख्यमंत्री धामी ने कहा था कि उन्हें सरकारी जमीन पर बनने वाली मजारों की जानकारी थी। उन्होंने दिल्ली में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की पत्रिकाओं ऑर्गनाइजर और पांचजन्य द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा था, “सरकार अपनी जमीन पर अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं करेगी और इन मजारों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।” जून में वन अधिकारियों को उत्तराखंड के सभी 30 वन प्रमंडलों से प्रासंगिक जानकारी एकत्र करने के बाद वन भूमि पर अवैध निर्माण पर एक रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा गया था। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, धामी सरकार भी ऐसी ही योजना बना रही है। अन्य प्रकार की सरकारी भूमि को मुक्त कराने के लिए अतिक्रमण विरोधी अभियान।
Uttarakhand की राजधानी में रफ़्तार पर है सरकार का एक्शन!
धामी सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए वन मुख्यालय को ऐसे अतिक्रमणों को चिह्नित कर कार्रवाई के निर्देश दिए थे। ध्वस्तीकरण की पहली कार्रवाई देहरादून वन प्रभाग के अंतर्गत की गई। यहां कुल 17 मजारें अतिक्रमण के दायरे में आ रही थीं, लेकिन दो मजार प्रबंधकों की ओर से जमीन संबंधी कागज दिखाने के बाद उन्हें छोड़ दिया गया। दो दिन पहले गुपचुप ढंग से की गई इस कार्रवाई के बाद वन विभाग की टीम टिन-टप्पर, लोहा, ईंट, गारा सब उठाकर ले गई। कहीं से भी किसी प्रकार के विरोध की खबर नहीं है। देहरादून वन प्रभाग के डीएफओ नीतिश मणि त्रिपाठी ने कार्रवाई की पुष्टि की है।