
जैसा की हम सब जानते हैं, लोकसभा और राज्यसभा में नागरिकता संशोधन बिल पास हो चूका हैं. इसी के चलते दिल्ली के मजनू का टीला में पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थी नाच गाकर इस बात का जश्न मना रहें हैं.
कुछ परिवारों को यहां पर बसे हुए 5 दशक तक हो चले है फिर भी न तो उनको भारत की नागरिकता हासिल हुई और न ही पाकिस्तान जा सकते हैं. ऐसे में जब यह बिल पास हुआ तो सभी गैर मुसलमानों के चेहरे पर ख़ुशी की लहर दौड़ गयी.
इसी बीच एक परिवार जो पिछले सात साल से भारत में रह रहा है उसके यहां एक बेटी ने जन्म लिया. माँ बाप ने उस बेटी का नाम ही नागरिकता रख दिया. माँ ने कहा की, “नागरिकता मिलने से आजादी मिल जाएगी. हम कुछ अच्छा व्यवसाय कर सकते हैं. सात साल के बाद आज वह दिन आया जिसका हमें इंतजार था.”
लड़की के पिता ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा की, “मुझे इस बिल से बहुत खुशी हो रही है, इसलिए मैंने अपनी बेटी का नाम नागरिकता रखा है.” वही अगर बात करें परिजनों की तो उन्होंने देश की तमाम पार्टियों को नसीहत दे डाली हैं, “सभी पार्टियों से निवेदन है कि वे इस बिल का विरोध न करें. उनका कहना है कि, अब उन्हें आसानी से नागरिकता मिल जाएगी.”
नागरिकता की माँ ने पाकिस्तान में रह रहे हिन्दुवों की स्थिति बताते हुए कहा की, “हिन्दुवों का वहाँ पर कोई इज्जत नहीं मिलती थी. प्यास लगने पर उनके ग्लास में पानी नहीं दिया जाता था. वहाँ हिंदुओं का कोई इज्जत नहीं है. वो लोग चाहते हैं कि वहाँ पर सिर्फ मुसलमान रहे. भारत में वो पूरे इज्जत के साथ आराम से रह रहे हैं.”
नागरिकता दादी ने भी मीडिया से बातचीत करते हुए पाकिस्तान में रह रहे हिन्दुवों के हालातों को अपने शब्दों में ब्यान करते हुए कहा की, “यहाँ पर वो अपनेपन से रह रही हैं, जबकि वहाँ पर हमारे साथ भेद-भाव हो रहा था.” जब मीडिया कर्मचारी ने पूछा की वहां गैर मुस्लिम लड़कियों की क्या स्थिति है तो उन्होंने कहा की, “वहाँ पर वो बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है और ये बात कहते हुए अब काफी समय हो गया है. वो इससे तंग आ चुके हैं. हम लेग वैध वीजा लेकर भारत आए थे और समय-समय पर उसे रीन्यू भी करवाते रहते हैं.”
नागरिकता संशोधन बिल को लेकर मीडिया से बातचीत करते हुए दादी जी ने कहा की, “उसके लिए तो हमारी पोती ही काफी है. हम इतने खुश हो गए कि इसका नाम ही ‘नागरिकता’ रख दिया. किसी ने भी आज तक अपनी बच्ची का नाम नागरिकता नहीं रखा होगा. हमने पहले ही नागरिकता को हाथ में पकड़ लिया है और हमें उम्मीद है कि इसके आने के साथ ही हमें नागरिकता मिलेगी ही मिलेगी.” उन्होंने बताया की, “हमने अपने बेटे का नाम ‘भारत’ रखा था और अपनी बेटी का नाम ‘भारती’ तब भले ही यह नहीं पता था की हम पाकिस्तान से जब भारत जायेंगे तो हमें वहां की नागरिकता कभी मिलेगी या नहीं, लेकिन अब मोदी सरकार की वजह से यह ही मुमकिन हो चूका हैं.”
नागरिकता संशोधन बिल को लेकर एक और परिवार से बातचीत की तो उन्होंने बताया, “पाकिस्तान के अंदर हिंदू होना गुनाह है, क्योंकि वहाँ हिंदुत्व की कोई अहमियत ही नहीं है. यहाँ हिन्दुस्तान में हिन्दू-मुस्लिम-सिख-ईसाई सारे भाई-भाई है. भारत ही वो जगह है, जहाँ हम हिन्दू सुरक्षित हैं, इसलिए वो पाकिस्तान से भारत में रहने आए हैं. सभी पार्टियों से निवेदन किया है कि इस बिल का समर्थन करें ताकि उनका और उनके बच्चों का भविष्य संवर सके.”