
बोलने की आज़ादी कहने को तो बहुत भारी शब्द हैं, जिसका इस्तेमाल पिछले कुछ सालों से मीडिया, वामपंथी छात्र, कांग्रेस आदि बहुत ज्यादा मात्रा इस्तेमाल करते हुए नज़र आते हैं. लेकिन यह शब्द उस वक़्त बेमतलब हो जाते हैं, जब किसी राज्य में कांग्रेस या फिर गैर बीजेपी की सरकार आ जाती हैं.
ऐसी ही एक खबर इस वक़्त कर्नाटक की भाजपा सांसद शोभा कारंदलाजे की तरफ से आ रही हैं. जिनपर केरल पुलिस द्वारा मात्र एक ट्वीट कर देने पर मामला दर्ज़ कर दिया हैं. शोभा ने केरल की सरकार पर कथित तौर पर आरोप लगाया हैं की नागरिकता संशोधन कानून का समर्थन कर रहे मलप्पुरम के हिंदू परिवारों को पानी नहीं दिया जा रहा.
जब ट्वीट आया तो ट्विटर पर यह खबर आग की तरह फ़ैल गयी, मीडिया ने जांच पड़ताल में जैसी ही इस बात की पुष्टि की केरल सरकार ने शोभा के खिलाफ धर्म, जाति व भाषा समेत कई मुद्दों के आधार पर समुदायों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने आरोप में मुकदमा दर्ज़ करवा दिया.
ऐसा ही एक मामला और उठा हैं, बताया जा रहा है की उडुपी-चिकमंगलूर से सांसद कारंदलाजे ने ट्वीट में दावा करते हुए कहा है की मुस्लिम बहुल इलाके मलप्पुरम के कुट्टीपुरम पंचायत में नागरिकता कानून को समर्थन दे रहे हिंदू परिवारों को भी पानी देने से प्रशाशन ने मना कर दिया हैं.
Kerala police register case against BJP MP Shobha Karandlaje u/s 153(A) of IPC (promoting enmity between different groups on grounds of religion, race etc) for her tweet on 22 Jan, "Hindus of Kuttipuram Panchayat of Malappuram were denied water supply as they supported CAA 2019". pic.twitter.com/3r8F23pcXn
— ANI (@ANI) January 23, 2020
मलप्पुरम के पुलिस चीफ अब्दुल करीम ने मीडिया को बताया हैं की, “उन्होंने गलत जानकारी फैलाई.” पुलिस का कहना हैं की, “पानी के लिए प्राइवेट बोरवेल का इस्तेमाल किया जा रहा था लेकिन वह भी केरल इलेक्ट्रीसिटी बोर्ड की चेतावनी के बाद बंद हो गया. बोर्ड ने चेतावनी जारी कर कहा था कि मोटर का उपयोग इलेक्ट्रीसिटी के लिए किया जाता है और यदि किसी और कारणों से किया गया तो इसका कनेक्शन खत्म कर दिया जाएगा. बिजली काट दी जाएगी.”