
गज़वा-ए-हिन्द यह एक ऐसा शब्द है जिसके इस्तेमाल से पाकिस्तान में बैठे आतंक के आका अपना नेटवर्क भारत में फैलाने की कोशिश कर रहें है. जब तक यह काम फ़ोन कॉल, जासूस या चिट्ठियों के जरिए हो रहा था तब तक भी सुरक्षा एजेंसिया अपना काम अच्छे से कर रही थी.
जमाना बदला है और बदलते जमाने के साथ अब आतंकी भी टेक्नोलॉजी का सहारा लेने लगे है. ऐसा ही एक उदाहरण हमें गूगल के एंड्रॉइड ऐप्प डाउनलोड में देखने को मिला जब वहां ‘गज़वा ए हिन्द’ नाम की एक एप्लीकेशन मिली.
इस एप्लीकेशन की सबसे पहली शिकायत सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर अंशुल सक्सेना ने रीट्वीट करते हुए भारत के संचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद को भी दी. उन्होंने रीट्वीट करते हुए लिखा की, “गूगल अपने प्लेटफोर्म पर कट्टरपंथ को जडें कैसे जमाने दे सकता है?” इसके साथ ही उन्होंने ऐप्प और किताब की लिंक भी डालते हुए गूगल में इसे रिपोर्ट करने की अपील लोगों से की.
I'm shocked to see that Ghazwa-e-Hind is on Google Play Store
How can @GooglePlay, @GooglePlayDev allow Radicalization on its platform?
Is @NIA_India aware of this?
Kindly wake up @rsprasad & ban such applications.
Links:
1. https://t.co/Kz9SQJJbbE2. https://t.co/GEhydLz5Vw pic.twitter.com/qita4GAaNN
— Anshul Saxena (@AskAnshul) November 5, 2019
अंशुल सक्सेना को साथ मिला भारतीय खिलाडी, स्पेशल फोर्सेज के रिटायर्ड सैनिक और भाजपा सदस्य मेजर सुरेंद्र पूनिया का उन्होंने भी कहा की, “यह सही नहीं है, नमस्ते गूगल, आपके गूगल प्ले आतंकवाद, हिंसा और कट्टरता की एक विचारधारा को मंच देना चौंकाने और विश्वास से परे है – ग़ज़वा-ए-हिंद.” इसके साथ ही उन्होंने सरकार से इसे बैन करने और लोगों से रिपोर्ट करने की अपील की.
Unacceptable
Hello @Google It’s shocking & beyond belief that your @GooglePlay store giving platform to a ideology of terrorism,violence & radicalisation- Ghazwa-e-Hind@PMOIndia Govt of India MUST ban it immediately🙏@NIA_India@HMOIndia @CyberDost
Friends,Pl report to Google👏 pic.twitter.com/SyTJ2dFJVu— Major Surendra Poonia (@MajorPoonia) November 5, 2019
इस सबके बाद अंशुल सक्सेना ने ट्विटर पर जानकारी साझा करते हुए बताया गया की अब इस ऐप्प को गूगल ने अपने प्ले स्टोर से हटा दिया है. साथ ही उन्होंने उन सबका धन्यवाद भी कहा जिन्होंने इस ऐप्प को रिपोर्ट करने में उनकी मदद की थी.
Google Play Store has removed 2 'Ghazwa E Hind' applications from its platform, last night around 2:30AM.
Thanks to everyone for raising the issue & reporting those apps on Google Play Store.
— Anshul Saxena (@AskAnshul) November 6, 2019
शायद अब वक़्त आ गया है की गूगल जैसी बड़ी कंपनियों के लिए भी कुछ दिशा-निर्देश भारतीय सरकार द्वारा जारी किये जाएँ. हालाँकि बोलने की आज़ादी वाली गैंग इससे बेहद नाराज़ जरूर होगी.